Thursday, 21 July 2011

मुंबई बम्ब ब्लास्ट का सुराग मिला....?

मुंबई बम्ब ब्लास्ट का सुराग मिला....?

१३ जुलाई २०११ को हुए मुंबई मे हुए बम्बस्फोट को सप्ताह बीत चूका है ! फिर भी आज तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है ! सरकार और पुलिस यंत्रणा की तरफ से कोई भी समाधानकारक खबर नहीं दी जा रही है ! हर दिन के वर्तमान पत्रोंमे इस बम्बस्फोट का तपास सही दिशा में किया जा रहा है ! तपास में गति लाई जा रही है ! ऐसा बार बार कहा जा रहा है ! लेकिन सवाल यह है की, क्या सही में तपास सही दिशा में की जा रही है ! मुंबई में हुए बम्बस्फोट के लिए इसके पूर्व भारत में चल रहे आन्दोलनोंका और अस्थिरता भरी परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए उस दिशा में काम किया जा रहा है क्या ? आजतक जब कभी मुस्लिम दहशतवादी संघटनोंद्वारा बम्बस्फोट किया गया उसी समय में तुरंत या एक दिन बाद ही उस घटना जिम्मेवारी उन्होंने ली है ! लेकिन इस बार हुए मुंबई बम्बस्फोट में ऐसी जिम्मेवारी किसी भी मुस्लिम दहशतवादी संघटन ने क्यों नहीं ली है ? सरकार के तरफ से भी आजतक किसी भी संघटन का नाम ठोस तौर पर क्यों नहीं लिया गया ?
महत्वपूर्ण बात यह है की, देश में हुए इस बम्बस्फोट में देश के ही दहशतवादी संघटनोंके तरफ सरकार क्यों तपास नहीं कर रही है ? इसके पहले जो लोग बम्बस्फोट की घटनाओंको दोहरा चुके है जो देश के ही है ! उन लोगो को शक के दायरे में क्यों नहीं लिया जा रहा है ? क्या सरकार और तपास यंत्रणा पर कोई दबाव आया है ? क्या सरकार डर रही है ? क्या मुंबई बम्बस्फोट में शहीद हुए हमारे भारतीय यहाँ की राजनीतिक षड़यंत्र की बलि चढ़ गए है ? क्या सत्ता और लोकतंत्र तानाशाही के नुमाइनदगे निरपराध लोगो के जन के दुश्मन बन चुके है ? वैसे तो आज किसी निष्कर्ष में पोहचन गलत होगा ! लेकिन अगर उपरोक्त सवाल के गहराई में जाकर अगर यह भारतीय नागरिक सोचे तो जरुर हमें सुराग मिल सकता है !

वैसे तो दहशतगर्दोंको कोई धर्म, जात, मजहब नहीं होता ! ऐसा सिर्फ कहा जाता है ! मुस्लिम दहशतवाद तो दुनिया के सामने आ चूका है ! लेकिन क्या इसका फायदा उठाते हुए नए दहशतगर्दोंने जन्म लिया है ? ऐसी ही कुछ बात आज दुनिया के सामने आ चुकी है ! आज दहशतवाद और आतंकवाद का कोई एक चेहरा नहीं है ! आज अनेको चहरे दहशतगर्दी में शुमार हो चुके है ! इस दिशा में तपास यंत्रणा की नजर क्यों नहीं जा रही है ! आज तो यह साबित भी हो चूका है की कट्टर धार्मिकता वाले लोग इसमें प्रवेश कर चुके है ! इसलिए यह कहना की दहशतगर्द को कोई धर्म, मजहब नहीं होता यह बात बेतुकी है ! हिन्दू दहशतवाद और मुस्लिम दहशतवाद तो आखिर साबित हो चूका है....? भलेही उसमे हर कोई हिन्दू या मुस्लिम शामिल नहीं हो ! लेकिन उसके कुछ नुमाइन्दगे आज भी बेबुनियाद तरीकेसे लोगो को अपनी गोली का शिकार बना रहे है ! बेपरवाह लोगोकी जान ले रहे है !

इसलिए ऐसी घटनाओंमे कौन हो सकता है ? या सवाल जब भी कभी पूछा जाता है तब हमारी जहन में  सिर्फ वोही संघटनोंका नाम आता है जो दुनिया में दहशत के नाम से जाने जाते है ! लेकिन क्या इस तरीकेसे हम खुद दो गुटों में दो देशो में, दो धर्म में, दो समुदायों में संघर्ष का बिज नहीं बोते ? क्या उससे दहशत गर्दोंके मन में बदले की भावना का बिज रोने की शुरुवात नहीं होती ? जरा इनपर भी हमें सोचना होगा ! किसी भी निष्कर्ष के बिना और तपास के बिना किसी संघटन का नाम लेना गलत नहीं है ! दहशत का चेहरा लिए हुए दुनिया के सामने आये हुए संघटनों ने तो खुल कर इसका सामना किया है ! पर कुछ छुपे हुए दहशतगर्द तो पित पीछे वार कर रहे है ! उनका क्या ?  यहाँ इस बात को आपके सामने रखना चाहता हु की आज दहशत का असली चेहरा बदल चूका है ! और सरकार से भी विनती है की इस दिशा में भी वह अपने तपास की दिशा निश्चित करे ! मुंबई बम्बस्फोट में चाहे कोई भी हो उसका असली चेहरा जनता के सामने लाये ! न की सत्ता और अपनी काख बचने के लिए असली दहशत गर्दोंको घर में ही पनपने दे ! किसी भी ठोस आधार पर किसी भी संघटन को लोगो के मन में दहशती संघटन करके पेश करना हमारे देश के लिए आनेवाले दिनों में खतरे से खली नहीं हो सकता ! मेरी सरकार और आप सभी नागरिकोंसे यह गुजारिश है की पूरा तपास जबतक नहीं लग पाता तब तक किसी भी संघटन को अपने जहन में न ले ! और न ही उसका प्रचार लोगो में करे !....."जय भारत"

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