जब हजारो हाथ इक्कठा आते है तो वह एक समूह बन जाता है ! और समूह की ताकत कोई तोड़ नहीं सकता ! अगर यह सच्चाई है तो फिर यह भी सच्चाई होनी चाहिए की जब वैश्विक विचार जो परिवर्तनवाद की जड़े मजबूत करता है ! हजारो सालो से चली आई महापुरुषोंकी और उनके विचारोंकी परंपरा है ! जो आधुनिक काल में आंबेडकरी विचार के रूप में पहचानी जाती है ! यह सब विचार समूह के रूप में जो इन्सान आंबेडकरी विचारोंको ग्रहण कर लेता है ! उस इन्सान की ताकत समूह के ताकत से बिलकुल भी कम नहीं हो सकती ! वो इन्सान एकेला भी रहे पर कभी हार नहीं सकता ! इस सच्चाई को अगर आप मानते हो तो समूह रहे न रहे आप अकेले लढते रहो ! कोई आये न आये मुव्हमेंट आगे बढ़ाते रहो !आपका विजय निश्चित है !
----प्रा. संदीप नंदेश्वर, नागपुर.
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