मै आपको बता दू की योग्यता सभी में होती है ! मुझे मेरे जाती के कारण नाकारा जाता है ! क्या यह सही है ! मुझे सिर्फ और सिर्फ मेरे जाती के कारण नाकारा जाता है ! क्यों ? आरक्षण संविधान के तहत ५० प्रतिशत से ज्यादा नहीं दिया जा सकता ! अगर हम बात करे की ५० प्रतिशत में आरक्षण लेने वाला ८५ प्रतिशत जनसमूह ले ले तो १५ प्रतिशत लोग ५० प्रतिशत आरक्षण तो ऐसे ही हड़प लेते है ! यहाँ जनसँख्या के आधार पर अगर आरक्षण दिया गया तो किसी पे अन्याय होने की बात ही कहा आती है ! हर किसी को सामान प्रतिनिधित्वा करने का मौका मिलेगा और किसी पे अन्याय नहीं होगा ! मै तो यह कहता हु की यहाँ की व्यवस्था ने आरक्षण के असल मूल्य को छोड़ कर यहाँ के बहुजनो पर अन्याय किया है !
और एक बात मै आप को बता दू की १५ प्रतिशत लोग जो ५० प्रतिशत आरक्षण को खा रहे है उसमे भी ज्यादातर समूह यह व्यवसाय से जुदा हुआ है ! उन्हें नौकरियों में कोई दिलचस्पी नहीं होती फिर बचाती है सिर्फ एक ही कौम वो है ब्राम्हण जो ३ प्रतिशत होने के बावजूद सारा का सारा ५० प्रतिशत आरक्षण यु ही खा जाते है ! अब बताओ यह कौनसा न्याय है ! इसके सन्दर्भ में मैंने काफी कुछ मेरे ब्लॉग में लिखा है !
यहाँ यही बात कहूँगा की खुला प्रवर्ग याने यहाँ के १०० प्रतिशत लोगो को उनके योग्यता के आधार पर चुने जाने का अधिकार है ! खुला प्रवर्ग अगर ५० प्रतिशत है तो उसमे भी १०० प्रतिशत लोगो में से योग्यता वाले लोगो को लिया जाना चाहिए ! क्या ऐसा हो रहा है ! हमें जो आरक्षण दिया गया है वो तो हजारो सालो से हमें जो लुटा गया है उसका सिर्फ एक अंश है ! अभी तो ब्याज भी हमने पूरा नहीं लिया है ! मुद्दल अभी तो बाकि है साहब ! अगर आप लोगो को इतना ही घमंड है अपनी योग्यता का तो चलो योग्यता के आधार पर हम साबित कर दे ! साहब योग्यता की बात ही न करो तो अच्छा है ! खुले प्रवर्ग में से ज्यादा योग्यता यहाँ का बहुजन रखता है ! उसका ऐसे ही कई सरे उदहारण आपके सामने रख सकता हु !
इसलिए मेरा आप सभी से यही निवेदन है की आरक्षण को किसी ने दि हुई भिक न समझो ! बल्कि आपके भाई जो हजारो सालो से वंचित रहे है ! व्यवस्था में प्रतिनिधित्वा से बहार रहे है ! उन्हें आरक्षण के जरिये आपके बराबर आनेका एक मौका दे रहे हो ! कोई हमपर रहम नहीं कर रहा ! और एक सच्चाई आप को बता दू की २००१ की राष्ट्रिय रिपोर्ट यह कहती है की प्रथम श्रेणी के सभी नौकरियोमे ३ % ब्राम्हण लोगो का ९७ प्रतिशत प्रतिनिधित्वा है ! और ९७ प्रतिशत लोगो का ३ % प्रतिनिधित्वा क्या यह सही न्याय है !
अगर आरक्षण आप को ख़त्म ही करना है तो फिर पहले यह सभी जगह खली कर दो और फिर जनसँख्या के आधार पर आरक्षण दो ! क्या इसलिए तो भी आप तैयार हो ! अगर नहीं न तो फिर आरक्षण के खिलाफ चिल्लाना बंद कर दो ! यह मेरा आपसे निवेदन है ! सरकार से भी यही निवेदन है ! और हर वो इन्सान जो आरक्षण के खिलाफ अपनी गन्दी जबान खोलता है उन सभी के लिए मै चेतावनी देता हु ! योग्यता के आधार पर अगर इतना ही घमंड है तो चलो आमने सामने की लढाई हो जाये ! देखते है कौन किसपे भरी पड़ता है ! चलो मेरा चैलेंज स्वीकार करो आरक्षणों के दुश्मनों....! .....प्रा. संदीप नंदेश्वर, नागपुर.
और एक बात मै आप को बता दू की १५ प्रतिशत लोग जो ५० प्रतिशत आरक्षण को खा रहे है उसमे भी ज्यादातर समूह यह व्यवसाय से जुदा हुआ है ! उन्हें नौकरियों में कोई दिलचस्पी नहीं होती फिर बचाती है सिर्फ एक ही कौम वो है ब्राम्हण जो ३ प्रतिशत होने के बावजूद सारा का सारा ५० प्रतिशत आरक्षण यु ही खा जाते है ! अब बताओ यह कौनसा न्याय है ! इसके सन्दर्भ में मैंने काफी कुछ मेरे ब्लॉग में लिखा है !
यहाँ यही बात कहूँगा की खुला प्रवर्ग याने यहाँ के १०० प्रतिशत लोगो को उनके योग्यता के आधार पर चुने जाने का अधिकार है ! खुला प्रवर्ग अगर ५० प्रतिशत है तो उसमे भी १०० प्रतिशत लोगो में से योग्यता वाले लोगो को लिया जाना चाहिए ! क्या ऐसा हो रहा है ! हमें जो आरक्षण दिया गया है वो तो हजारो सालो से हमें जो लुटा गया है उसका सिर्फ एक अंश है ! अभी तो ब्याज भी हमने पूरा नहीं लिया है ! मुद्दल अभी तो बाकि है साहब ! अगर आप लोगो को इतना ही घमंड है अपनी योग्यता का तो चलो योग्यता के आधार पर हम साबित कर दे ! साहब योग्यता की बात ही न करो तो अच्छा है ! खुले प्रवर्ग में से ज्यादा योग्यता यहाँ का बहुजन रखता है ! उसका ऐसे ही कई सरे उदहारण आपके सामने रख सकता हु !
इसलिए मेरा आप सभी से यही निवेदन है की आरक्षण को किसी ने दि हुई भिक न समझो ! बल्कि आपके भाई जो हजारो सालो से वंचित रहे है ! व्यवस्था में प्रतिनिधित्वा से बहार रहे है ! उन्हें आरक्षण के जरिये आपके बराबर आनेका एक मौका दे रहे हो ! कोई हमपर रहम नहीं कर रहा ! और एक सच्चाई आप को बता दू की २००१ की राष्ट्रिय रिपोर्ट यह कहती है की प्रथम श्रेणी के सभी नौकरियोमे ३ % ब्राम्हण लोगो का ९७ प्रतिशत प्रतिनिधित्वा है ! और ९७ प्रतिशत लोगो का ३ % प्रतिनिधित्वा क्या यह सही न्याय है !
अगर आरक्षण आप को ख़त्म ही करना है तो फिर पहले यह सभी जगह खली कर दो और फिर जनसँख्या के आधार पर आरक्षण दो ! क्या इसलिए तो भी आप तैयार हो ! अगर नहीं न तो फिर आरक्षण के खिलाफ चिल्लाना बंद कर दो ! यह मेरा आपसे निवेदन है ! सरकार से भी यही निवेदन है ! और हर वो इन्सान जो आरक्षण के खिलाफ अपनी गन्दी जबान खोलता है उन सभी के लिए मै चेतावनी देता हु ! योग्यता के आधार पर अगर इतना ही घमंड है तो चलो आमने सामने की लढाई हो जाये ! देखते है कौन किसपे भरी पड़ता है ! चलो मेरा चैलेंज स्वीकार करो आरक्षणों के दुश्मनों....! .....प्रा. संदीप नंदेश्वर, नागपुर.
ye kya atarkik baate likhi ha is article me aapne muje nahi lagat ki apko aapki jaati ki wajah se nakara jata ha balki aapki is ajeeb si sankuchit vichaardhara or mansikta ki wajah se aapko nakara jata ha.
ReplyDeleteAapne bhale hi kai vishay padhe ho or sab me NET kiya ho but padhne or gunne me yahi farak hota ha sirf padh kr yaad kr lene se exam to pass ho jate ha sandeep ji but ek sashakt vichaardhara k liye bina kisi purvagrah k achi tarah tathyo ka vishleshan karna hota ha.
Is pure article me aap har paksh me bade hi kamjor lage ek bhi baat aapki tathya purn nahi thi or apni 1 baat me jo vichar apne prastut kiya dusri baat me usi ka nishedh bhi kr diya.
Is pure article me aap swayam hi heen bhawana se grasit lage aap ko kisi or ne jaati k naam pr nahi nakara ha aap swayam ye baat swikaar nahi kr paa rahe ki jaati se koi farak nahi padta ye sab logo ki bekar ki baate ha aap swayam ko nakar rahe ha. Aap chahe 5 vishay me NET pass ho ya 10 aap college me lecturer k liye hi eligible rahenge or wo aap ha. or aap kya chahate ha ki 5 vishay me NEt k baad apko PM bana diya jaye,
Baki agar aap kisi or Pad jaise IAS PCS banana chahate ha to Apply kijiye or apni yogyata dikhaiye aarakshan ha yaha abhi aap ki help k liye.
1) Agar aap ko lagta ha aaraksan k baad bhi aap logo ke saath anyaay ho raha ha to arakshan to aapki problem ka solution nahi ha ye to aapne khud hi prove kr diya.
Agar koi tool(Arakshan) apki 50 salo me help nahi kr paya to wo koi solution nahi ha.
2) Dusri baat 50% aarakshan ki 15% logo ko fayde ki baat-
50% aarakshit seats k baad bachi 50% seats Kewal GENERAL category k liye aarakshit nahi hoti wo khule prawarg ki seats hoti ha un pr bina kisi jaati k kewal yogyata k aadhar pr har category k candidate ko seats allot ki jati ha chahe wo hindu ho ya musalmaan chahe kisi bhi jaati ya varg ka ho isse koi fark nahi padta.
ye aapke dwara failaya jaa raha bhram ha,aap apni baat sidh karne k liye is level tak aa jayenge ye aap ko shobha nahi deta.ye bhramit karne wali bate or kturk dena kripya band kar de.
3)"Yogyata to sabhi me hoti ha".
ReplyDeleteMai bhi aapki baat se sehmat hu lekin us roop me nahi jisme aapne apni kutilta se ise prastut karne ki koshish ki ha. Har kisi me 1 jaisi yogyata nahi hoti har koi scientist nahi ban sakta har koi doctor nahi ban sakta har koi teacher nahi ho sakta sabki apni apni alag yogyataye ha kuch log kisi vishay me ache hote ha kuch log kisi or me kuch logo ko kheti krna pasand ha kuch log jo intellectually stronge nahi hote unke liye shram wale karya upukt ha.
Isliye Yogyata Sab Me Ha Par Ek Jaisi Nahi.
ab muje yakeen ha aap 1 kutark Denge ki agar mauka diya jaye to har koi kaisi bhi yogyata paa sakta ha Lekin aisa nahi ha ye ek practical baat ha or mera anubhav bhi maine bahut se aise logo ko dekha ha jinhe har suvidhaye uplabdha pr wo kuch bhi saikshik yogyata prapta nahi kr pate chahe wo kitne b ache school me padhe ho.
Yaha ek baat jaroor kahunga ki jo yogya ha or jo padhna chahate ha unhe mauka na diya jaye to ye bahut galat ha or iski jimmedari sarkar ki ha or samaj ki.Kyuki kewal aaj kal ki sarkaro pr hi puri tarah aashrit hona bewakoofi ha.
Chalo mudde pr aate ha.
to Yogya ta sab me ha pr ek jaisi nahi.
4) "Jansankya k aadhar pr aarakshan".
Aap ne ye spasht nahi kiya ki aap kis tarah jansankhya k aadhar pr Reservation maang rahe ha. Aap kya chahate ha ki jaatiyo k aadhar pr jansankhya ya shetra k aadhar pr jansankhya.
khair jo bhi ho dono hi cases me ye bahut hi inefficient ha.
pehli baat yadi aap kisi jaati vyavastha pr yakeen hi nahi karte to jaati k aadhar pr aarakshan ka koi mudda hi nahi ha.
dusri baat agar kisi community ya jaati(yaha mai kisi jaati vishesh ki baat nahi keh raha hu ma ek common baat keh raha hu sabhi jaatiyo k liye) k logo me kisi pad ya vacancy ke liye nirdharit yogyata k log kam ha parantu jansankya jyada ha to kya ayogya logo ko kewal jansankhya k aadhar par un pado pr rakhna samajhdari hoga?
ye kis tarah aapki drishti me nyaay ha muje nahi pata kintu mere liye to ye yogya logo k saath anyaay ha. same is the case if you are talking about state or city population.
5)Mai kisi jaati vishesh k paksh me nahi hu lekin kisi jaati ka virodhi bhi nahi hu parantu aap or aapke mitro ki brahmin jaati se koi shatruta prateet hoti ha.
ReplyDeletejab aap kisi rastriya mudde pr kuch likh rahe ho to apne vyaktigat shatruta ko us jagah vyakt nahi krna chahiye.
apni is baat k paksh me aage vistar se kahunga.
6) aapka allegation- "3% brhamins ki 97% logo pr prtinidheetvata".
kya aapne ye bbat likhne se pehle jara bhi nahi socha ki itne mahatva purna mudde pr aapki ye lachar baat ka kya asar hoga.
agar 50% seat har gov organisation me aarakshit ha to un 50% seats pr to aarakshit log hi honge ya phir wo pad rikt honge,baki bache khule pravarg me chalo apki baat maan bhi li jaye ki brhamins ko hi liya gaya or baki castes jo GEN category me aati ha unhe nahi liya gaya or na hi kisi or jaati ko liya gaya joki possible nahi ha phir bhi aapki khushi k liye maan lete ha to bhi 50% se jyada seats pr brahmin nahi ho sakte ha.
ye to sarasar galat baat ha. Jis report ki aap baat kr rahe ha agar wo kisi reliable jagah pr available ha to use sarvjanik kare.
aapko kya laga ki ye article aapne kin logo k liye likha ha ki aap jo kahenge wo sab hum ankhe band krke maan lenge. Stop publishing Bogus Facts and reports.
aap pehle bhi kai jhoothi anargal baate facebook k madhyam se faila chuke ha to kyu hum aapki bbato pr yakin kare jab aapki baato me pramanikta hi nahi ha.ye to bas uska 1 proof ha bas.
7)Ma manta hu jati vishesh k saath durvyahvar unka shoshan bharat me hota raha ha lekin aap kon ha un sab ki taraf se hisaab lene wale aap unke na to chune hue pratinidhi ha na hi kisi or tarah se mujhe lagta ha ki aap un logo ki peeda ko vayakt kar rahe ha. App to tuch harkato pr utar aye ha ek alag hi kism ki vichaar dhara lana chahate ha jo ki desh k liye bahut khatarnaak ha.
ReplyDeletejab log apne aap ko or logo ko shudharne ki baat kar rahe ha to aap keh rahe ha ki aap byaaj or mool vasool karoge kaise ochi baat kahi aapne.
8)Aap logically correct nahi ha,practically aap sahi bato ko sahi nahi maante, aap tathyo ko tod marod kar apne paksh me rakhna chahate ha isliye aap morally bhi correct nahi ha to aap kaise ye shikayat kar sakte ha ki aap ko aapki yogyata k aadhar pr nahi jaati k aadhar pr nakaar diya jata ha. Is sab k baad to agar koi honest and intelligent person jo Higher Moral values rakhta ho wo aapki jaati ka ho to bhi apko nakar dega.
9)aap ne isi article me kaha ha ki bahujan samaj me khule pravarg se jyada yogyata ha or phir aap hi yogyata k aadhar par selection k sabse bade virodhi ha kyu ye dohri nitiya.
Aap reservation ki malai k liye itne aatur ha ki aap har tathya har sach ko taak par rakh kr bs reservation ko bachana chahate ha.Aap reservation ki malai bhi khana chahate ha or apne aap ko ek sidhantvadi bhi dikhana chahate ha.
jab bahujan me yogyata khule pravarg se jyada ha to phir jati k aadhar pr reservation ka to koi mudda hi nahi ha mudda ha us yogyata ko sanrakshit karna sabhi yogya logo ko saman plateform provide karana na ki jaati k aadhar pr kisi or ka hak le lena.
or fir ye aarakshan un shoshit dabe hue logo ko mil hi kaha pata ha iska faiyda hota ha aap jaise mauka parast logo ko aapke pass time ha paisa ha aapne 5-5 vishayo me masters kiya ha aap k pass samarthya ha to muje nahi lagta aapko kisi prakar k jatigat arakahan ki jaroorat ha aapki to yogyata hi aapki pahichaan honi chahiye yadi aap sach me itne hi sidhantvadi ha to theek ha aap professor ha to aapke bacho ko to har prakar se wahi platform milega jaisa or GEN category k bachcho ko milta ha ya kahe kai GEN category k bacho se b acha to kya aap apna reservation un bacho ko dene ko taiyar ha jinhe aap k bacho se kam suvidhaye prapt ha kya aap apne bacho ko bina reservation ki malai khilaye or reservation ki lati pakdaye aage badhane ko taiyar ha.Agar baat morals ki ha Nyaay ki ha to aapko aisa karna chahiye lekin reservation ki malai ka swaad jise aap kisi b had tak jaakr bachana chahte ha aapko aisa karne nahi dega.
10)Ek bahut bada prashna jo ki ma har tathakathit(so called) buddhijeevi se or aap se poochna chahata hu ki desh me yogya logo k pass avsar nahi ha sansadhan nahi ha unke pass age bdhne ki prerna nahi ha iska mool karan kya ha?
ReplyDeleteKya jaati iska Mool karan ha? nahi bilkul nahi
ek gareeb kisaan ya majdoor ka beta padh nahi pata iska karan uski jati nahi balki moolbhoot suvidhaye ha jo uske pas honi chahiye or uske pass nahi ha uski aarthik sthiti uske vikaas me sabse badi baadhak ha ya uski jaati?
agar ma bina kisi pakshpaat or purvagraha k is baat pr vichaar karu to mai yahi paata hu 90% cases me main reason uski aarthik sthiti ha na ki uski jaati.haa 10% maamle hote ha jaha jatigat bhedbhaav hota ha.
Aaj gaon k log nahi padh pate ha kyuki waha moolbhoot suvidhaye hi nahi ha waha school nahi ha college nahi ha na padhai ka koi maahol ha na acha khana ha na anya shuvidhye lekin ye sab me jaati kahi b jimmedaar nahi ha isliye pichdepan ka mool karan jaati nahi pichde logo ki aarthik sthiti ha. jab jaati main kaaran ha hi nahi pichde pan ka to jaati k aadhar pr diya gaya aarakshan kaise problem ka solution ho sakta ha.
Ek reserve category ka candidate jiske paas sabhi sansadhan or shuvidhaye ha obviously wo pichda nahi ha or 1 reserve category ka hi candidate jiske paas sansadhano or shuvidhao ka abhaav ha to is case me present reservation system k anusaar laabh pichde candidate ko nahi balki sansaadhan yukt reserve category k candidate ko milta ha ye 1 fact ha kyuki uske paas sansadhan the wo ache clg me padha, ache mahol me raha to obviously General conditions me wo usse aage hi hoga. jab ye aarakshan vyavastha jise laabh milna chahiye use llabh nahi pahucha rahi to ye nyaayochit nahi ha or nyaay ki baat karne wale mere bhai tume bhi is jaatigat reservation ka ciroodh krna chahiye yadi vastavikta me aapko pichde logo ko aage lana ha to.
or jab jaati main aadhar ha hi nahi mool aadhar aarthik sthiti or mool bhoot suvidhaye ha to kyu ham jaatigat reservation pr ade rahe hame ek jaisa avsar chahiye job k liye or unnati k liye to kyu anyaay poorn vyavastha ka sahara le
Agar reservation ho to phir uska aadhar Arthik sthiti hona chahiye na ki jaati.
jaati k jagah aarthik sthiti ko reservation ka aadhar hone se do laabh ha -
a)har varga ko unnati ka samaan adhikaar ha isliye jis bhi varga k logo k saath saamajik or aarthik anyaay ho unhe reservation ka laabh milna chahiye.present jaatigat reservation k aadhar pr to kewal SC/ST, OBC etc ko hi iska fayada hota ha lekin GEN category me aane wale un pichde logo ka kya jinke paas moolbhoot suvidhaye nahi ha. sarkar ko sabke saath nayay krna ha to uska kaanoon bhi aisa hi hona chahiye jisme sabhi varga k shoshit or pichde log cover ho.jaatigat kaanoon k rehte aisa sambhav nahi ha.
Isliye AArthik Sthiti or moolbhoot suvidhaye reservation ka aadhar hona chahiye na ki Jaati.
b)jaati jab reservation ka aadhar nahi hogi to sarkari certificates or forms me jaatigat pahichaan batane ki koi badhyata nahi hogi or na hi jaati jo bhedbhav ka mool aadhar ha uski sarkari level pr koi pehchaan rahegi.
11)Samaj k har varg har jaati ki unnati ka dayitva Gov. ka ha or hamara ha. Govs apne is kaam me fail rahi ha or aarakshan kisi b taraha is problem ka solution nahi ha.
ReplyDeleteiska solution saamajik jagrati ha hame sach ko samajhna hoga na or logo ko puri pramanikta k saath samjhana hoga na ki galat tathyo k aadhar pr apni galt baate rakhni hogi isse logo me rosh or avishwas paida hoga.Agar aap bina pakshpaat k samajik unnati chahate ha to uske liye apko prayatna krna chahiye ki logo ki bigdi hui mansikta se bahar laya jaye na ki kisi or sankeern mansikta ki or dhakela jaye.
lekin usse pehle aap swayam jo heen bhawana or rosh ha apke bheetar use door kare samaj ko sudharne ki shuruwat swayam se kare baki log to tabhi aapke saath honge na.
Ma aapke ya aapki jaati k vikas ka virodhi nahi hu ma bhi chahata hu ki ek aisa samaj ho jaha sabko samman k saath jeene ka adhikaar ho jaha koi jaati ka bhed bhaav na ho lekin kyo ye jaati ka bhed bhav nahi ja raha iske Mukhya kaarano me se reservation bhi ek ha ma ye nahi keh raha hu anya karan nahi ha ya yahi sabse bada kaaran ha lekin ye bhi ek bahut bada kaaran ha jaatigat bhedbahv ka.
Bina kisi pakshpaat or purvagrah k is pr vichhar kariyega.Apni unnati k liye kisi or ki unnati me badhak nahi banana ha hame hame to har varag ko saath lekar chalna ha sabko saman avsar milna chahiye koi jaatigat bhedbhav nahi.
yogyata sabhi me ha to sabhi ko apni yogyata k anusaar hi avsar milna chahiye bina kisi jaatigat bhed bhav k.
jai hind!
Ek or baat aap har jagah apne dohre maapdand ka pryog karte ha-
ReplyDeletejab Bhrashtachar ki baat hoti ha uske liye koi sakht kanoon ki baat hoti ha to aap apne chune hue pratinidhiyo ki duhai dete ha or jan andolan k khilaaf dushprachar karte ha pr jab aarakshan k khilaaf movie ka virodh karna ho to aap appeal karte ha ki iske liye bada andolan hona chahiye hame iska virodh krna chahiye is case me aapko apne chune hue janpetineedhiyo pr bharosha nahi rahata ye dohre maapdand kyu sandeep ji.
ya to aap swayam hi apni manyatao ko lekar spasht nahi ha ya phir aap baato ko spasht sach sach saamne rakhne k bajaye apne favor me tod marod kr pesh karne me believe karte ha.
mr. varun gupta ek bar RTI ka istamal karate hue jankari leke dekho sacchai samane aayegi...aur ha bina proof ke maine likha nahi hai...ye dhyan me rakhana...aao mai aap ko govt sarve report bhi dikhata hu...
ReplyDeleteKaha ha aapki report.Muje to kahi dikhai nahi de rahi or haa report current honi chahiye ya phir aise samay ki honi chahiye jo present me relevant ho.
ReplyDeleteor schchai to maine dekh chuka hu na to yaha mera koi comment visible ha or na hi mere kisi question ka jawab..
Final question kya aap jaatigat aaraksan chodkr aarthik sthiti or mool bhoot suvidhaon or sansadhno k aadhar pr aarakshan, jisme sabhi jaatiyo ko saman vikas ka adhikaar milega or kuch had tak jaativaad pr bhi rok lagegi,k favor me ha ya nahi?
ReplyDeletereport 2001 ke national survey ka hai jo yaha ki sacchai bayan karata hai...if u want detail pls call me...
ReplyDeleteAapne mere antim prashn ka uttar nahi diya sandeep ji.
ReplyDeletekya 10 saal purani report abhi bhi relevant ha, iske liye ma kya kahu ye aap apne aap se pooch leejiye.
ma aapse apne antim prashn ka uttar chahata hu.
mitra Varun Gupta ji har national survey report 10 sal bad hi aata hai. ab 2011 me bhi aayega w8 kijiye... aaur ha 97 % se 3 % par to nahi aaya hoga na 10 sal me... badalav ham bhi chahate hai...par is badlav ke liye kafi kuch karana padega..wo kya hoga yah mai bahot hi jald likhane wala hu...so pls w8 for that...and again if u have not satisfied so pls call me once at 8793397275... mai aap ko charcha ke liye, communication ke liye yah no. de raha hu..khul ke aaur sidhe tour par charcha hogi..dhanyawad...
ReplyDeleteसंदीपजी १०० % आरक्षण केले पाहिजे त्याशिवाय ब्राह्मण समाज या सरकारी नोकर्यांच्या मागे धावायचा बंद होणार नाही . तसेही आता नव्याने सर्कारीत लागणारे ब्राह्मण मी तरी बघितलेले नाहीत . मी जमीन NA करून प्लॉट पडून विकतो . शेतीही आहे . मी ९२ सालापासून ब्राह्मण तलाठी बघितला नाही . १ मात्र व्हावे जास्तीत जास्त BC सरकारी नोकरीत लागावेत . मराठा कारकून असला कि आमचि भयानक गोची करतो ---अगदी कितीही किरकोळ काम का असेना . पण आंबेडकरी समाजाच्या सरकारी नोकरांकडून चांगली वागणूक मिळते . का ? -- याचे कारण माहित नाही . फक्त असा अनुभव आहे .
ReplyDeleteगेल्या वर्षी श्री नारायण मूर्तींनी infosys चा राजीनामा दिला त्यावेळी ते म्हणाले कि नवीन धंदा आहे पण त्या क्षमतेचे मनुष्यबल नाही . माझ्याकडे त्या कंपनीचे समभाग असल्याने या विधानाकडे लक्ष गेले . चळवळीतील नेते अशा प्रकारचे उच्च क्षमतेचे शिक्षण समाजातील होतकरू मुलांना मिळावे म्हणून काही विशेष प्रयत्न करतात का ? असल्यास कृपया माहिती द्यावी . मला या विषयात रस आहे कारण आंबेडकरी समाज पुढे आल्याशिवाय महाराष्ट्र हि पुढे जावू शकत नाही हि वस्तुस्थिती आहे .
ReplyDeleteअडचण काय आहे कि नेमकं हिंदू धर्म काय सांगतो ते समजूनच घेतले नाही. आणि म्हणूनच अश्या हिम्मत आणि लढण्याच्या गोष्टी केल्या जातात. सगळ्या गोष्टींचा निर्णय हा केवल आमने सामने नीच होतो असे नाही. तुम्हाला कदाचित माहित नसेल पण मनुस्मृती प्रमाणे किवा हिंदू शास्त्राप्रमाणे तुम्हाला १००% आरक्षण आहे कारण हे सगळे सेवा क्षेत्र आहेत. इतकेच नाही तर उत्पादन आणि दळणवळण ह्या दोन्ही गोष्टीत सुद्धा १००% आरक्षण आहे. इथे ब्राह्मणांना काम करता येत नाही. पण हे मनुस्मृती प्रमाणे. आता तुम्ही मनुस्मृती जाळूनच बसलात म्हणून या ज्ञानाबद्दल तुम्ही अनभिज्ञ आहात. एखादा विचार जर तुम्हाला विरोधी वाटत असेल तर त्याबद्दल वैचारिक विरोध करा ना.
ReplyDeleteआणि राहिला प्रश्न ब्राह्मणांचा, तर स्वतंत्र मिळवण्यासाठी हेच ३% ब्राह्नाम जवळपास ८०% क्रांतिकारी झाले होते स्वतःचे घर दार सोडून गेले होते. त्यावेळी आम्ही मात्र संपूर्ण देशासाठी लढलो असेच दिसते. मग तेव्हा कुठे गेले होते हे सगळे तथाकथित समतावादी ?
its depend on ur think, ,,, kya jis आरक्षण ki aap bat kr rahe h kya vo aapko milne k bad bhi theek bad bhi a aaj 60 saal bad bhi uski jrurt pd rhi bhai 60 saal m to ek pedi khtm ho jati h nd milne k bad bhi aaj 60 saal bad bhi tum aapne aap ko hmare brabr ni smjte ye tumhari glt think h actual aap kud ko itna kabil ni bnate jo hmare brabr bn jao esleye aarakshan ki jrurt pdti h. pta es aarakahan ki vjha se jo kabil people h unko job ni milti or kya hmare up k phli c.m ko aarkshan ki jrurt h agr unka koi family member police m aaply krega to use aarakshan milega btao use aarkshan milna chaayye ya ni kya vo esible h aarakshan k actualy m aarakshan poors ko milna chhaye jo apni fess ni d skte kpde ni phnne k leye un pr unhe bhi finensly aarkashan milna chhaye unhe sbke brabr kam milna chhaye taki vo sbki brabri kr sake na ku unhe aarkashan d kr or week bna diya jay or jo esa sochta h ki unhe nakara jata h caste ki vjha se to unhe compitsn krke ki himmat ni h vo apni es bad think k karan age bdna ni chhate
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ReplyDeletejo khud apne dam pe khada nhi ho pa rha hai use sahara chahiye khada hone ke liye apni aavaj pahuchane ke liye sahara chahiye vi pratiniddhitva krenge.......aap baba saheb ko pujate ho kya unhe kisi aarakchhan ne vaha tak pahuchaya tha ? nhi unme kabiliyat thi ... khud kabil na bano or lathi lekar chalte raho...... kya kar liya 70 sal se mila to hai aarakchhan ..... abhi bhi vhi ki atki padi hai aap logo ki sui .........
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