छत्रपति शाहू महाराज जी इनकी जयंती के अवसर पर लाखो करोडो परिवर्तनवादियों की और से विनम्र अभिवादन ! कोटि कोटि प्रणाम !
हर मानव के विकास के लिए उन्हें अवसर मिलना जरुरी है इस सोच के साथ सामाजिक गुलामी को ललकारने वाले इस महामानव को हमारा प्रणाम !
वंदन करूँगा !
क्यों रोका गया जीना हमारा
क्यों छिना गया अधिकार हमारा
जुल्म के ठेकेदारोंने
क्यों लुटा है जीने का जज्बा हमारा
आसमान में बैठे चमत्कारियों से
पैदा हुए लोगो ने
क्यों लावारिस रखी माँ की कोख को
वरदान से पैदा हुए जुल्मखोरोंने
माँ की पेट से पैदा हुए इन्सान को
क्यों दूर रखा अपनों को अपनोंसे
अब तो तुम्हे इसका हिसाब देना होगा !
हजारो वर्षो के जुल्म का ब्याज चुकाना होगा !
सबसे पहले मानवता को अपनाना होगा !
इन्सान को उनका हक़ देना होगा !
आरक्षण ना समझो कोई भिक है !
हर चीज पे इनका भी अधिकार है !
तुम मानो या ना मानो ललकार को मेरी
मै इन्हें तो सबसे पहले दूंगा !
आईने से साफ चेहरा समाज को दूंगा !
मै राजश्री शाहू महाराज को वंदन करूँगा !
-----प्रा. संदीप नंदेश्वर, नागपुर.
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