मनुवाद ने फिर से जन्म ले लिया है !
बढ़ चला है सिलसिला,
लोकतंत्र पर हुकुमतंत्र लाने का
जागे हुए लोगोंको सुलाने का,
भूके प्यासोंको कंगाल बनाकर लूटने का,
समता में विषमता का जहर घोलने का,
दहशतवाद पर काले धन की परछाई डालने का,
संविधान पर हिन्दुतंत्र लाने का,
जीते हुए लोगोंको मारने का,
स्वतंत्रता को गुलामिमे बदलनेका,
बंधुता के पीछे, पीठ में छुरा घोपने का,
अँधेरे में रखकर गुलाम बनाने का,
उजाले का झांसा देकर गलियारे लूटने का,
मानवता को मार कर पत्थर को भगवान बनाने का,
भ्रष्टाचार और काला धन बोलकर ध्यान भटकाने का,
हिन्दू बाबा बुवाओंको दहशतवाद के जंजीरों से छुड़ाने का
वर्णतंत्र लाने का, मंदिरों को सजाने का,
इस देश को फिर एक बार मनु का गुलाम बनाने का,
अनशन के नाम पर देश को भड़काने का,
नौटंकी करके देश के लोगो की सहानुभूति जुटाने का,
अब तो जागो मेरे भाइयो !
देश की स्वतंत्रता खतरे में है !
देश का संविधान खतरे में है !
हर भारतीय पर गुलामी की छाया मंडरा रही है !
लोकतंत्र के नाम पर लोकतंत्र को ही खतरा है !
देश के सेवकोंसेही, बाबा बुवाओंसेही इस देश को खतरा है !
क्योंकि........
मनुवाद ने फिर से जन्म ले लिया है !
---प्रा. संदीप नंदेश्वर, नागपुर, ८७९३३९७२७५, ९२२६७३४०९१
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