Sunday, 26 June 2011

मत समझो "आरक्षण" कोई भिक है !

मत समझो "आरक्षण" कोई भिक है !  
हजारो सालो से की गई हमारी लुट पे यह तो "ब्याज" है !  
भाइयो अभी तो "मुद्दल" (Capital Amount) लेना बाकि है !
जिस दिन हम   "मुद्दल" (Capital Amount) लेने की बात करेंगे !
उस दिन चारो तरफ हम ही हम नजर आयेंगे !
इसलिए कहता हूँ हमारी चुप्पी हमारी मजबूरी न समझे !
वरना वसूल करना भी हम जानते है !  उस दिन दुनिया भी हमारे साथ होगी !
सोच लो ! कोई भी कदम आरक्षण के खिलाफ उठाने से पहले ! 

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