आज भारत में सबसे ज्यादा राजनैतिक उदासीनता ने जन्म लिया है. यह राजनैतिक उदासीनता का लाभ यहाँ की राजनैतिक पार्टियों ने लिया है. जबतक यहाँ का इन्सान उदासीनता में जियेगा यहाँ की राजनैतिक हालत सुधारने वाले नहीं है. यह तो हमारे द्वारा देशद्रोह होगा. संविधान का अपमान होगा.. मै आनेवाले दिनों में कुछ नए प्रयोग करने जाने वाला हु. श्यायद कामयाब हो न हो पर लोगो को सोचने के लिए मजबूर तो जरुर कर सकते है. इसलिए मेरा यह मानना है की हम जबतब राजनीती की गलियारों में नहीं जाते. अपनी पढाई और आधुनिकता का प्रतिनिधित्वा नहीं करते तबतक ये हालत नहीं सुधारने वाले... बाबासाहब को भी राजनैतिक निराशओंसे दो दो हात करना पढ़ा था लेकिन उन्होंने कभी उम्मीद नहीं हारी...हरके भी जितने का जज्बा इन्होने पैदा किया था. स्वतंत्र मजूर पक्ष से लेकर शेड्यूल कास्ट फेडरेशन का इतिहास देखेंगे तो सुवर्ण युग से कम नहीं था भाई...इसलिए मेरा ये मानना है की हमें निराश होकर नहीं चलेगा...आगे आके काम करना होगा...लोगो के सामने एक नया संकल्प रखना होगा....बाकि आप खुद एक समझदार व्यक्ति हो...चलो आओ साथ मिलकर इस बदलते हुए राजनीती को अपने हित में करते है...
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