Wednesday, 28 December 2011

सुबह की ताजगी नई उम्मीदे लाए
खिलते हुए अरमान ताजगी जगाए
यु न मायूस रहे उभरती हुई मुरादे
आनेवाला भविष्य मुस्कुराकर जगाए
---डॉ. संदीप नंदेश्वर
"जय भीम"

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