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बजेट - २०१५
"फिर एक बार भूलभूलय्या : खोकली मानसिकता का बजेट"
👎👎👎👎👎👎👎👎👎👎👎
कीसी भी देश के विकास का सपना उसके अर्थव्यवस्था पर निर्भर होता है ! और अर्थव्यवस्था का सूचारू रूप बजेट मे प्रदर्शित होता है !
📢📢📢📢📢📢📢📢📢📢📢
विकास का झांसा देनेवाली सरकार ईतना निराशाजनक बजेट देगी इसकी कल्पना नही की थी !
👎 IIM और IIT की स्थापना को छोड दे तो शिक्षा के उपर कीया जाने वाला निवेश फिर एक बार निराश कर गया !
👉अगर हम नौजवान देश की बात कर रहे है तो बजेट का कम से कम ६% हिस्सा शिक्षा के उपर खर्चा होना जरूरी है ! गरिब और सामान्य विद्यार्थीयोंके शिक्षा के उपर सरकार गंभीरता से नही सोच रही यही साबीत हूआ !
👎रोजगार मे इजाफा लाने की बात तो हर बजेट मे होती लेकीन देश के नौजवानों में स्वयंपूर्णता लाने की कोई बात नही होती. कीतनी भी रोजगार और नौकरीयोंकी बात करे उससे सिर्फ गूलामी बडेगी !
👉बजट गूलामी बढाने के लिए नही बल्की स्वयंपूर्णता लाने के लिए हमारे देश के अर्थव्यवस्था की सबसे बडी कडी कृषीक्षेत्र और उससे जूडे संबंधीत व्यवसाय को बडावा देना जरूरी है ! लेकीन बजट मे इसका कोई समाधानकारक प्रावधान नही !
👉एक तरफ देश का कृषीक्षेत्र घटता जा रहा है ! इसकी कोई चिंता बजेट मे नही जताई गई ! अगर हम हमारे संसाधनो को घटाकर नए उद्योग खडे करेंगे तो देश एक लंबे खतरे के तरफ बढता जा रहा है !
👎Service Tax बढाकर आम आदमी को कंगाल बनाने का और Corporate Tax आनेवाले दिनोंमे घटाकर अब्जोपतीयों और कारखानदारों ने चूनाव मे जो खर्चा कीया है वो कई गूना बढाकर वापस करने का प्रावधान कर लिया गया ! आप बस Service Tax भरते जाओ !
👉Service Tax बढने से हर चिज की किंमते बढेगी और वह आम आदमी के जेब से जाएगा !
👎योगा यह नया Charitable Commodity मे आ गया ! जिसका सिधा फायदा योगा की सबसे बडी दूकान चलाने वाले रामदेव बाबा को होगा ! जिसको कोई Tax भरना नही होगा ! और ऐसे कई रामदेवबाबा योगा की दूकान खोलने के लिए तय्यार होंगे !
👎स्वास्थ, शिक्षा, सामाजिक दायित्व, कृषीक्षेत्र और स्वयंपूर्णता पर ईस बजेट-२०१५ ने पूरी तरह से निराश किया !
📡कारखानदार, पूंजीपती, उद्योगपती और साधू-बूवाओंकी बल्ले बल्ले.....
🐰बेरोजगार, कृषक और आम आदमी की ठल्ले ठल्ले.....
...Adv. डॉ. संदीप नंदेश्वर...
🔕🔐🔐🔐🔐🔐🔐🔐🔐🔐🔐
बजेट - २०१५
"फिर एक बार भूलभूलय्या : खोकली मानसिकता का बजेट"
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कीसी भी देश के विकास का सपना उसके अर्थव्यवस्था पर निर्भर होता है ! और अर्थव्यवस्था का सूचारू रूप बजेट मे प्रदर्शित होता है !
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विकास का झांसा देनेवाली सरकार ईतना निराशाजनक बजेट देगी इसकी कल्पना नही की थी !
👎 IIM और IIT की स्थापना को छोड दे तो शिक्षा के उपर कीया जाने वाला निवेश फिर एक बार निराश कर गया !
👉अगर हम नौजवान देश की बात कर रहे है तो बजेट का कम से कम ६% हिस्सा शिक्षा के उपर खर्चा होना जरूरी है ! गरिब और सामान्य विद्यार्थीयोंके शिक्षा के उपर सरकार गंभीरता से नही सोच रही यही साबीत हूआ !
👎रोजगार मे इजाफा लाने की बात तो हर बजेट मे होती लेकीन देश के नौजवानों में स्वयंपूर्णता लाने की कोई बात नही होती. कीतनी भी रोजगार और नौकरीयोंकी बात करे उससे सिर्फ गूलामी बडेगी !
👉बजट गूलामी बढाने के लिए नही बल्की स्वयंपूर्णता लाने के लिए हमारे देश के अर्थव्यवस्था की सबसे बडी कडी कृषीक्षेत्र और उससे जूडे संबंधीत व्यवसाय को बडावा देना जरूरी है ! लेकीन बजट मे इसका कोई समाधानकारक प्रावधान नही !
👉एक तरफ देश का कृषीक्षेत्र घटता जा रहा है ! इसकी कोई चिंता बजेट मे नही जताई गई ! अगर हम हमारे संसाधनो को घटाकर नए उद्योग खडे करेंगे तो देश एक लंबे खतरे के तरफ बढता जा रहा है !
👎Service Tax बढाकर आम आदमी को कंगाल बनाने का और Corporate Tax आनेवाले दिनोंमे घटाकर अब्जोपतीयों और कारखानदारों ने चूनाव मे जो खर्चा कीया है वो कई गूना बढाकर वापस करने का प्रावधान कर लिया गया ! आप बस Service Tax भरते जाओ !
👉Service Tax बढने से हर चिज की किंमते बढेगी और वह आम आदमी के जेब से जाएगा !
👎योगा यह नया Charitable Commodity मे आ गया ! जिसका सिधा फायदा योगा की सबसे बडी दूकान चलाने वाले रामदेव बाबा को होगा ! जिसको कोई Tax भरना नही होगा ! और ऐसे कई रामदेवबाबा योगा की दूकान खोलने के लिए तय्यार होंगे !
👎स्वास्थ, शिक्षा, सामाजिक दायित्व, कृषीक्षेत्र और स्वयंपूर्णता पर ईस बजेट-२०१५ ने पूरी तरह से निराश किया !
📡कारखानदार, पूंजीपती, उद्योगपती और साधू-बूवाओंकी बल्ले बल्ले.....
🐰बेरोजगार, कृषक और आम आदमी की ठल्ले ठल्ले.....
...Adv. डॉ. संदीप नंदेश्वर...
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