Monday 2 December 2013

अखंड भारत का नारा लगाना जरुरी है !


नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर की एक सभा में संबोधित करते हुए "कलम 370 और उसे निरस्त करने की बात कही !" जिस पर देश-विदेश में मानो आतंकी जंग छिड़ गयी है ! काग्रेस खुद को बचाने में जुटी है तो बीजेपी देश को दहलाना चाहती है ! क्या कलम 370 पर चर्चा करने का यह सही समय है ? क्या आतंक से एकजुट होकर लड़ने के बजाय कश्मीर को राजनितिक जंग का मैदान बनाना कितना सही है ?

पंडित जवाहरलाल नेहरू की कश्मीर के प्रति रही भूमिका को उछालकर नरेन्द्र मोदी पंतप्रधान बनाने के लिए पैरो में घुंगरू बांध कर नाच रहा है तो दूसरी तरफ कांग्रेस मोदी को डफली बजाकर नचा रही है !

आज अंतरराष्ट्रिय समुदाय नाटो की तरफ से आतंकवाद के खिलाफ खलीता बनाया जा रहा है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान/तालिबान और अफगानिस्थान की तरफ से आतंकवाद की पृष्ठभूमि को भारत की सीमा तक खीचा जा रहा है ! ऐसे वक्त कश्मीर का स्वायत्तता का मुद्दा उछालकर अंतर्गत राजनितिक और सुरक्षा व्यवस्था को खतरे में लाने की घिनोनी हरकत ये राजनेता कर रहे है ! जिसका परिणाम काफी भयंकर होने वाला है !

भारत और पाकिस्तान का निर्माण जिस वक्त हो रहा था उसी वक्त कश्मीर का मुद्दा सुलझाने के लिए डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा कुछ सुझाव दिए गए थे ! वो इस प्रकार थे !
१. मुस्लिम समुदाय की संख्या कश्मीर के जिस क्षेत्र में जादा है वह हिस्सा पाकिस्तान को दिया जाए !
---आज यही मुस्लिम बहुल इलाखा आतंकियों को पनाह दे रहा है !
२. हिन्दू बहुल कश्मीर का इलाखा भारत की सीमा में समाविष्ट किया जाये !
--- आज कश्मीर में इन्ही हिन्दू-मुस्लिमो में तनाव की स्थिति बार बार पैदा होती है !
३. कश्मीर का लेह लद्दाख जैसा हिस्सा जहा बुद्धिस्ट, हिन्दू और मुस्लिम समुदाय एकसाथ रहता है वह हिस्सा जनमत के द्वारा उसका निर्णय लिया जाये ! और उसे भारत में लिए जाये !
इसतरह जनमत के माध्यम से कश्मीर के तिन राज्य भी बन सकते थे ! और कश्मीर से लेकर आतंक की हर समस्या को सुलझाया जा सकता था ! जिसके तरफ कभी ध्यान ही नहीं दिया गया !

आज उसी की राजनीती कर नेहरू - पटेल के किस्से सुनाकर देश को आतंक की दहलीज पर छोड़ा जा रहा है ! देश की जनता ने इसके ऊपर बड़ी गंभीरता से सोच कर आतंक की राजनीती करने वाले के हौसलों को तोड़ना चाहिए ! और फिर एक बार जनता के द्वारा अखंड भारत का नारा लगाना जरुरी है ! शांति, चमन, और भाईचारे से कश्मीर का हल निकलना जरुरी है लेकीन आज नहीं !
---डॉ. संदीप नंदेश्वर, नागपुर.

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