Saturday 26 January 2013

भ्रष्टाचार से पैदा हुए आशिष नंदी का जाहीर निषेध !


भ्रष्टाचार से पैदा हुए आशिष नंदी का जाहीर निषेध !

SC, ST, OBC भ्रष्ट नहीं, यहाँ की ब्राम्हणवादी मानसिकतावादी संस्कृति भ्रष्ट है ! आशीष नंदी जैसे ब्राम्हणवादी बार बार अपना जहरीला विष समाज पर उगलते रहते है ! जिनका जन्म ही मंदिर के भगवान और पुजारियों के साथ मिल कर किये हुए भ्रष्टाचार से होता है ! वो लोग बार बार अपना पाप दूसरो पर लादने के लिए दूसरो को भ्रष्टाचार के लिए दोषी ठहराने का घ्रुणास्पद पाप करते रहते है ! आशीष नंदी जो की खुद को समाजशास्त्री कहता है ! वो समाजशास्त्री अगर ऐसे बयान दे की, "यहाँ के SC, ST, OBC भ्रष्ट है और भ्रष्टाचार करते है !" तो मुझे लगता है की इसे समाजशास्त्री किसी पुरोहित, पंडित, या पुजारी ने बनाया होगा !
आशीष नंदी अगर आप ने अपने माँ-बाप को पूछा होता की वो पैदा कैसे हुए ? तो आप को भ्रष्टाचार की जड़ और असली वजह समझ आती ! हजारो सालो से चला आया वर्णवादी/ जातिवादी / धर्मवादी भ्रष्टाचार को इन्ही OBC, SC, ST ने तोडा था ! और आज भी इन्ही लोगो के कारण भ्रष्टाचार करने वाले बड़े अफसर (IS, IAS, POLITICIANS, (All Belongs to OPEN Class) को भ्रष्टाचार करने को मौका नहीं मिल रहा ! आशीष नंदी जी जिस व्यवस्था में आप पले बड़े हो ! और जिस व्यवस्था ने आप को समाजशास्त्री (बिनढोक और बेवकूफ) बनाया वो व्यवस्था खुद भ्रष्टाचार के पैरो पर ही कड़ी है ! जिस समाजव्यवस्था (ब्राम्हणवादी / वर्णवादी) की बुनियाद ही भ्रष्टता हो उस व्यवस्था में आप पीड़ित लोगो को भ्रष्ट बताकर अपने दिवालियापन की मिसाल दे रहे हो ! भ्रष्टाचार यह इतिहास जिसके बलबूते पर आप इतनी हिम्मत दिखा कर दिवालियापन कर रहे हो ! उतनी हिम्मत दिखाकर मंदिर/भगवान के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार की बुनियाद को समझ कर आओ !
जिस देश में पुजारी पैसे लिए बगैर पूजा नहीं करता और तो और जिस देश में भगवान पैसे (चढ़ावा) लिए बगैर प्रसन्न नहीं होता उस देश में भगवान को खुश करने के लिए भ्रष्टाचार तो होगा ही ना ! फिर यहाँ का भगवान् ही भ्रष्ट है पीड़ित और मागास जातीय नहीं ! और इस भगवान के डर से समाज और इन्सान को लुटने वाले भ्रष्टाचारी है !
आशीष नंदी हमारे इन सवालो का जवाब दो ?
1.  भारत के मंदिरों में हर दिन जो चढ़ाव चढ़ाया जाता है वो रोज के आमदनी और खर्चे से भी ज्यादा होता है ! वह पैसा आता कहा से है ?
2.  मंदिरों में लाखो- करोडो रुपयोंका चढ़ाव चढाने वाले लोग कौन है ?
3.  कितने SC, ST, OBC लोग मंदिरों में लाखो-करोडो का चढ़ाव चढाते है ?
4.  भगवान् आज सोने चाँदी के बने हुए है वो कहा से आया है ?
5.  लाखो-करोडो, सोने, चाँदी, हीरे के गहने मंदिरों में किसके पैसो से आते है ?
6.  अमीर करोडपति की लिस्ट में कितने SC, ST, OBC है ?
7.  मंदिरों में दान देने के लिए उच्च वर्ग के पास पैसा कहा से आता है ?
8.  अगर यह सच्चाई है तो आशीष नंदी हमें बताओ की इस देश में भ्रष्टाचारी कौन है ? यहाँ का SC, ST, OBC वर्ग ? या फिर तुम जैसे धर्मवादी / जातिवादी लोग ?
आशीष नंदी का यह बयान बहुसंख्य भारतीय समाज का अपमान है ! हम इसकी घृणित कृत्य की जाहिर निंदा करते है ! आशीष नंदी ने भारतीय समाज की माफ़ी मांगनी चाहिए ! आशीष नंदी को कड़ी से कड़ी शिक्षा होनी चाहिए !
भ्रष्टाचार का सच कड़वा है !  आशीष नंदी भड़वा है !
आशीष नंदी का जाहिर निषेध ! निषेध ! निषेध ! निषेध !

3 comments:

  1. आशीष नंदी ये बंगाल में ख्रिश्चन परिवार में पैदा हुए है ! समाजशास्त्री और मानसशास्त्र में देश और विदेशो में काम किया है ! हिन्दू और हिंदुत्व के ऊपर लेख भी लिखा है ! ऐसे विद्वान इस कदर झुक कर बहुजनो का अपमान कर रहे है इसीलिए देश की प्रगति में बाधा आ रही है !

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  2. आज देश 64 गणराज्य दिन बड़े हर्षोल्हास से मना रहा था ! ऐसे वक्त आज ही के दिन देश के 85 % फीसदी (SC, ST, OBC) लोगो को भ्रष्टाचारी ठहराने वाली टिपणी आंतरराष्ट्रिय ख्याति रखने वाले मूल ख्रिश्ति वंश के समाजशास्त्री आशीष नंदी करते है ! इससे बड़ा दुर्भाग्य इस देश का और क्या हो सकता है ? इस बयाण से फिर एक बार इस देश के बहुजनो को (85 % फीसदी (SC, ST, OBC) सोचने पर मजबूर किया है ! गणराज्य दिन के अवसर पर ही देश के एक बड़े तबके को भ्रष्टाचारी ठहराकर ये क्या साबित करना चाहते है ? यह हमें सोचना होगा ?
    एक तरफ देश भर में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक लहर सी उठी है ! हर कोई भारत का नागरिक बढ़ते हुए भ्रष्टाचार से लढते हुए उसे रोकना चाहते है ! तो दूसरी तरफ (85 % फीसदी (SC, ST, OBC) लोगो को भ्रष्टाचारी घोषित कर 15 % फीसदी लोगो को (जो असल में भ्रष्टाचारी है ! जिनकी संस्कृति ही भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़ी है !) क्लीन चिट देना चाहते है ! वो भी ऐसे व्यक्ति से जो की मूलतः ख्रिश्चन है और देश और दुनिया में समाजशास्त्री के रूप में पहचाना जाता है ! खुद को बचाकर दूसरो के खंदे पर बन्दुक रखकर बहुजनो पर चलाई गई यह गोली आने वाले दिनों में भारतीय समाज को तहस नहस कर सकती है ! हमें इसके ऊपर भी बड़ी गहराईसे सोचना होगा ! यह बहोत बड़ा एक षड़यंत्र का हिस्सा भी हो सकता है !
    सिर्फ आशीष नंदी के ऊपर केस करके उसे जेल भेजकर इस समस्या का हल नहीं होगा ! बल्कि इसकी जड़ तक जाकर हमें यहाँ की मूलतत्ववादी ताकतों को पहचानना होगा ! आशीष नंदी एक जरिया भी हो सकता है ! इसके पीछे का मकसद कुछ और है ! भ्रष्टाचार की जड़े जिस सामाजिक ढांचे (धर्म के आधार पर) में लिप्त है, उसे बचाने के लिए; उसे बरक़रार रखने के लिए आशीष नंदी का सहारा लिया जाना इस बात की पुष्टि करता है की, इन्हें भ्रष्टाचार नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के बिच आने वाले समाज को ही तहस नहस करना है ! वरना एक ख्रिश्ति तत्ववेत्ता इस तरह का बयांन/टिपणी नहीं कर सकता !
    देश के बहुजनो को अपनी नींद से जागकर इस मामले को बड़ी गंभीरता से सोचना होगा ! जिस तरह भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर परिवर्तनवादी समूह ने यहाँ की सामाजिक नीव/ ढांचे को जिम्मेदार ठहराया हुए है ! उस मुद्दे को बगल देने के लिए रखी गई यह एक साजिश भी हो सकती है ! इसे पहचानो ! परखो ! समझो !
    जागो बहुजनो जागो ! उठो बहुजनो उठो !
    अपनी लाज बचाओ ! अपनी आन बचाओ ! अपनी शान बचाओ ! अपनी सांख बचाओ !
    आनेवाला भविष्य खतरे में है ! आप को बदनाम कर के फिर एक बार एस स्वतंत्र देश को गुलामी में झोंकने की साजिश रची जा रही है ! उस साजिश को तोड़ो ! अपने भविष्य को बचाओ !

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  3. आशिष नंदी इतके दिवस हिंदुत्व वाद्यांवर बेंबीच्या देठापासून बोंबलून टीका करत होता . अचानक अशी कोणती प्रेरणा त्याला मिळाली कि दलित समाज त्याला भ्रष्टाचारी असल्याचा साक्षात्कार झाला ???? हि प्रेरणा आर्थिक तर नसावी ?? पूर्वीचे सेवाद्लीय लोक ज्यांचे आत्ताच्या मिडिया मध्ये वर्चस्व आहे अशांच्या विचारांचाच पाठपुरावा नंदी महाशय इतके दिवस करत होते . निखिल वागळे, केतकर वगैरे लोकांचे १ टोळकेच आहे कि ज्यांनी मिडिया ताब्यात घेतला आहे . यांना दर्डा नावाच्या मालकांनी केलेला भ्रष्ट आचार दिसत नाही .

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