ये देश कौन चला रहा ?
आज भारत देश एक सामाजिक व्यवस्थात्मक ज्वालामुखी पर खड़ा है ! आज समाज मन में जहरीली नफरत इस व्यवस्था के प्रति भरी जा रही है ! व्यवस्था परिवर्तन के नाम से तो कोई राजनैतिक परिवर्तन के नाम से लोगो में जहर भर रहे है ! चारो तरफ बस इस समाज को एक जड़ से उखाड़ने की कोशिश हो रही है ! हर तरफ नफ़रत पैदा कर देश में सामाजिक अंतर्गत संघर्ष की नीव रखी जा रही है ! इसके कई उदाहरण प्रतिदिन सामने आ रहे है !
असीम त्रिवेदी नाम के विक्षिप्त मानसिकता के इस दुर्बल मानसिक रोगी ने संविधान, देश का राष्ट्रध्वज और राष्ट्रचिंन्ह का कार्टून बनाकर अपमान किया है ! जहा देश की धरोहर, देश का सन्मान, देश के प्रतिको का सन्मान करना देश के हर नागरिक का प्रथम कर्त्तव्य है ! वही इस मानसिक रोगी ने देश के सभी मानद चिन्हों को इस कदर बदनाम किया है मानो वह एक खिल्लोंना हो ! इसके खिलाफ जनहित याचिका दायर करने के बाद जब इसे देशद्रोही साबित किया जाता है तो अरविन्द केजरीवाल जैसा इस देश का महारोगी उठ कर उसके समर्थन में खड़ा होकर फिर एक बार इस देश की इमान को बेंच खाता है ! इस महारोगी अरविन्द केजरीवाल के कम्पू ने इस देश को बर्बाद करने की कसम खाई है तभी प्रतिदिन इन कम्पू में बने केजरीवाल और त्रिवेदी जैसे लोग इस देश को खौकला बनाने का प्रयास कर रहे है ! यह उन लोगो के लिए काफी शर्मनाक है जो इस देश के नागरिक होने के बावजूद केजरीवाल के कम्पू में जाकर देश के विर्रुद्ध की जाने वाली गतिविधियों में शामिल हो रहे है !
आये दिन देश का संविधान कितना गलत है ? इस देश की व्यवस्था कितनी गलत है ? और केजरीवाल जैसे महारोगी, मानसिक दुर्बल लोग देश के नायक है ? ये जताने का प्रयास किया जा रहा है ! जिस देश में आज तक सभी नागरिको में बंधुता बनायीं रखी ! जिस संविधान ने आज तक देश के हर नागरिक को उसका हक़ और अधिकार दिलाया जिसे इन जैसे लोगो ने कभी भी नहीं स्वीकार ! यही कारन है की आज यह लोग इस संविधान और इस क़ानूनी व्यवस्था को तोड़ने में लगे है !
असीम त्रिवेदी अगर हमारे देश के सन्मान चिन्ह को अपमानित करता है तो वह देशद्रोह ही है ! संविधान के कलम ५१ (क) के तहर मुलभुत कर्त्तव्य के खिलाफ की गई यह घ्रुनास्पद कृत्य है ! जो देशद्रोह की कक्षा में ही आता है ! अगर देश के नागरिक अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के अंतर्गत मौलिक अधिकारों का निर्वहन कर रहे है तो मौलिक कर्त्तव्य का दमन नहीं होना चाहिए ! मौलिक कर्त्तव्य को सचेत रूप से स्वीकार कर के उसका भी निर्वहन होना चाहिए ! लेकिन लगता है की यह सभी केजरीवाल कम्पुवादी लोग इस देश के किसी भी कायदे या कलम को नहीं मानते ! वरना वो यह नहीं कहते की, देशद्रोह का कानून ब्रिटिश काल का था ! इतनी घटिया दलील केजरीवाल कम्पू से आना यह साबित करता है की यह पूरा कम्पू इस देश को बर्बाद करने के लिए बेताब है ! हमें सोचना होगा ?
उधर महाराष्ट्र धर्म की अपील करने वाला अ-राजकीय आतंकवादी राज ठाकरे असीम त्रिवेदी की सुरक्षा में खड़ा हुआ है ! और देशद्रोह का खटला असीम त्रिवेदी पर नहीं लगाया जाये ऐसी दलीले दे रहा है ! जो राज ठाकरे महाराष्ट्र के मराठी लोगो के लिए गले की हड्डिया तोड़ कर बिहारी और अन्य प्रदेश के नागरिकोंका महाराष्ट्र में जीना हराम कर रहा है वही राज ठाकरे आज एकदम असीम त्रिवेदी इस अ-महाराष्ट्रियन, अ-मराठी के लिए देशवाशी कैसे बन गया यह एक बड़ा सवाल आज पैदा हुआ है ? यह बड़ी ही सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है ! राज ठाकरे, महारोगी केजरीवाल और त्रिवेदी यह एक ही कड़ी है ?
आये दिन समता के तत्व पर, संविधानिक अधिकारों पर, आरक्षण पर सवाल खड़े किये जा रहे है ! तत्कालीन कायदे कानून ब्रिटिशकाल के है ऐसी बेतुकी दलीले देकर समाज को भड़काया जा रहा है ! समाज की सुरक्षा खतरे में है ! समाज में अंतर्गत युद्ध के परिस्थितिया पैदा की जा रही है ! समाज की शांतता और सुव्यवस्था को ख़त्म किया जा रहा है ! और जब भी इनपर क़ानूनी कार्यवाही हो तो दंगे फसाद कराकर देश के अन्य नागरिको के जान. माल और सुरक्षा को खतरे में डाला जा रहा है !
इन सब गतिविधियों को रोका जाना जरुरी है ! जिसके लिए ----\
१) केजरीवाल, राज ठाकरे और त्रिवेदी जैसे अन्य लोगो पर देशद्रोह के खटले लगाकर फांसी पे चढ़ाना चाहिए !
२) संविधान, कानून अन्य प्रतिको को बदनाम करने वाले किसी भी व्यक्ति के ऊपर सक्त से सक्त कार्यवाही की जानी चाहिए !
३) अगर सरकार ऐसे लोगो की गतिविधियों पर रोक नहीं लगा सकती तो यह स्पष्ट है की सरकार भी इन सब घटनाओमे शामिल है और जनता को धोका दे रही है !
४) सरकार ने ऐसे लोगो पर सक्त कदम उठाते वक्त थोड़ी भी कसर नहीं छोड़नी चाहिए !
५) इन जैसे देशद्रोहियों के कारन देश में सामाजिक संघर्ष की नीव रखी जा रही है ! जिसके काफी अमानवीय परिणाम समाज को भुगतना पड़ सकता है ! इसलिए इन्हें जल्द से जल्द रोका जाना चाहिए !
भाइयो हम इस देश के नागरिक है ! हमारा दायित्व भी कुछ बनता है की आज इन जैसे देशद्रोहियोंकी असली पहचान समाज के सामने लाये ! इन जैसे लोगो को रोके ! इन जैसे लोगो के हौसले हमारी चुप्पी के कारन बुलंद होते जा रहे है ! इन्हें रोकना हमें जरुरी है ! वरना यह लोग फिर एक बार हमारे स्वतंत्र देश पर जातिगत-धार्मिक गुलामी लादना चाहते है ! हमें इसे रोकना होगा ! अपने साथ साथ हम जिस समाज में रहते है उस समाज की भी सुरक्षा इन जैसे दरिन्दगो से करनी होगी ! देश की सुरक्षा करनी होगी ! अरविन्द केजरीवाल, राज ठाकरे और असीम त्रिवेदी जैसे लोगो के मुंह पर कालित पोतनी होगी ! उन्हें समाज से बेदखल कर देशद्रोह के आरोपों में और समाज की सुरक्षा व्यवस्था को विचलित करने के आरोप में फांसी देने की मांग भी करनी होगी ! अब हमें हमारी चुप्पी तोड़नी होगी ! अब हमें हमारी नींद से जागकर देश को बचाने के लिए ऐसे दरिंदो को कुचलना होगा !
---जय भारत---जय भारत----जय भारत-----
---डॉ. संदीप नंदेश्वर, नागपुर.
आज भारत देश एक सामाजिक व्यवस्थात्मक ज्वालामुखी पर खड़ा है ! आज समाज मन में जहरीली नफरत इस व्यवस्था के प्रति भरी जा रही है ! व्यवस्था परिवर्तन के नाम से तो कोई राजनैतिक परिवर्तन के नाम से लोगो में जहर भर रहे है ! चारो तरफ बस इस समाज को एक जड़ से उखाड़ने की कोशिश हो रही है ! हर तरफ नफ़रत पैदा कर देश में सामाजिक अंतर्गत संघर्ष की नीव रखी जा रही है ! इसके कई उदाहरण प्रतिदिन सामने आ रहे है !
असीम त्रिवेदी नाम के विक्षिप्त मानसिकता के इस दुर्बल मानसिक रोगी ने संविधान, देश का राष्ट्रध्वज और राष्ट्रचिंन्ह का कार्टून बनाकर अपमान किया है ! जहा देश की धरोहर, देश का सन्मान, देश के प्रतिको का सन्मान करना देश के हर नागरिक का प्रथम कर्त्तव्य है ! वही इस मानसिक रोगी ने देश के सभी मानद चिन्हों को इस कदर बदनाम किया है मानो वह एक खिल्लोंना हो ! इसके खिलाफ जनहित याचिका दायर करने के बाद जब इसे देशद्रोही साबित किया जाता है तो अरविन्द केजरीवाल जैसा इस देश का महारोगी उठ कर उसके समर्थन में खड़ा होकर फिर एक बार इस देश की इमान को बेंच खाता है ! इस महारोगी अरविन्द केजरीवाल के कम्पू ने इस देश को बर्बाद करने की कसम खाई है तभी प्रतिदिन इन कम्पू में बने केजरीवाल और त्रिवेदी जैसे लोग इस देश को खौकला बनाने का प्रयास कर रहे है ! यह उन लोगो के लिए काफी शर्मनाक है जो इस देश के नागरिक होने के बावजूद केजरीवाल के कम्पू में जाकर देश के विर्रुद्ध की जाने वाली गतिविधियों में शामिल हो रहे है !
आये दिन देश का संविधान कितना गलत है ? इस देश की व्यवस्था कितनी गलत है ? और केजरीवाल जैसे महारोगी, मानसिक दुर्बल लोग देश के नायक है ? ये जताने का प्रयास किया जा रहा है ! जिस देश में आज तक सभी नागरिको में बंधुता बनायीं रखी ! जिस संविधान ने आज तक देश के हर नागरिक को उसका हक़ और अधिकार दिलाया जिसे इन जैसे लोगो ने कभी भी नहीं स्वीकार ! यही कारन है की आज यह लोग इस संविधान और इस क़ानूनी व्यवस्था को तोड़ने में लगे है !
असीम त्रिवेदी अगर हमारे देश के सन्मान चिन्ह को अपमानित करता है तो वह देशद्रोह ही है ! संविधान के कलम ५१ (क) के तहर मुलभुत कर्त्तव्य के खिलाफ की गई यह घ्रुनास्पद कृत्य है ! जो देशद्रोह की कक्षा में ही आता है ! अगर देश के नागरिक अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के अंतर्गत मौलिक अधिकारों का निर्वहन कर रहे है तो मौलिक कर्त्तव्य का दमन नहीं होना चाहिए ! मौलिक कर्त्तव्य को सचेत रूप से स्वीकार कर के उसका भी निर्वहन होना चाहिए ! लेकिन लगता है की यह सभी केजरीवाल कम्पुवादी लोग इस देश के किसी भी कायदे या कलम को नहीं मानते ! वरना वो यह नहीं कहते की, देशद्रोह का कानून ब्रिटिश काल का था ! इतनी घटिया दलील केजरीवाल कम्पू से आना यह साबित करता है की यह पूरा कम्पू इस देश को बर्बाद करने के लिए बेताब है ! हमें सोचना होगा ?
उधर महाराष्ट्र धर्म की अपील करने वाला अ-राजकीय आतंकवादी राज ठाकरे असीम त्रिवेदी की सुरक्षा में खड़ा हुआ है ! और देशद्रोह का खटला असीम त्रिवेदी पर नहीं लगाया जाये ऐसी दलीले दे रहा है ! जो राज ठाकरे महाराष्ट्र के मराठी लोगो के लिए गले की हड्डिया तोड़ कर बिहारी और अन्य प्रदेश के नागरिकोंका महाराष्ट्र में जीना हराम कर रहा है वही राज ठाकरे आज एकदम असीम त्रिवेदी इस अ-महाराष्ट्रियन, अ-मराठी के लिए देशवाशी कैसे बन गया यह एक बड़ा सवाल आज पैदा हुआ है ? यह बड़ी ही सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है ! राज ठाकरे, महारोगी केजरीवाल और त्रिवेदी यह एक ही कड़ी है ?
आये दिन समता के तत्व पर, संविधानिक अधिकारों पर, आरक्षण पर सवाल खड़े किये जा रहे है ! तत्कालीन कायदे कानून ब्रिटिशकाल के है ऐसी बेतुकी दलीले देकर समाज को भड़काया जा रहा है ! समाज की सुरक्षा खतरे में है ! समाज में अंतर्गत युद्ध के परिस्थितिया पैदा की जा रही है ! समाज की शांतता और सुव्यवस्था को ख़त्म किया जा रहा है ! और जब भी इनपर क़ानूनी कार्यवाही हो तो दंगे फसाद कराकर देश के अन्य नागरिको के जान. माल और सुरक्षा को खतरे में डाला जा रहा है !
इन सब गतिविधियों को रोका जाना जरुरी है ! जिसके लिए ----\
१) केजरीवाल, राज ठाकरे और त्रिवेदी जैसे अन्य लोगो पर देशद्रोह के खटले लगाकर फांसी पे चढ़ाना चाहिए !
२) संविधान, कानून अन्य प्रतिको को बदनाम करने वाले किसी भी व्यक्ति के ऊपर सक्त से सक्त कार्यवाही की जानी चाहिए !
३) अगर सरकार ऐसे लोगो की गतिविधियों पर रोक नहीं लगा सकती तो यह स्पष्ट है की सरकार भी इन सब घटनाओमे शामिल है और जनता को धोका दे रही है !
४) सरकार ने ऐसे लोगो पर सक्त कदम उठाते वक्त थोड़ी भी कसर नहीं छोड़नी चाहिए !
५) इन जैसे देशद्रोहियों के कारन देश में सामाजिक संघर्ष की नीव रखी जा रही है ! जिसके काफी अमानवीय परिणाम समाज को भुगतना पड़ सकता है ! इसलिए इन्हें जल्द से जल्द रोका जाना चाहिए !
भाइयो हम इस देश के नागरिक है ! हमारा दायित्व भी कुछ बनता है की आज इन जैसे देशद्रोहियोंकी असली पहचान समाज के सामने लाये ! इन जैसे लोगो को रोके ! इन जैसे लोगो के हौसले हमारी चुप्पी के कारन बुलंद होते जा रहे है ! इन्हें रोकना हमें जरुरी है ! वरना यह लोग फिर एक बार हमारे स्वतंत्र देश पर जातिगत-धार्मिक गुलामी लादना चाहते है ! हमें इसे रोकना होगा ! अपने साथ साथ हम जिस समाज में रहते है उस समाज की भी सुरक्षा इन जैसे दरिन्दगो से करनी होगी ! देश की सुरक्षा करनी होगी ! अरविन्द केजरीवाल, राज ठाकरे और असीम त्रिवेदी जैसे लोगो के मुंह पर कालित पोतनी होगी ! उन्हें समाज से बेदखल कर देशद्रोह के आरोपों में और समाज की सुरक्षा व्यवस्था को विचलित करने के आरोप में फांसी देने की मांग भी करनी होगी ! अब हमें हमारी चुप्पी तोड़नी होगी ! अब हमें हमारी नींद से जागकर देश को बचाने के लिए ऐसे दरिंदो को कुचलना होगा !
---जय भारत---जय भारत----जय भारत-----
---डॉ. संदीप नंदेश्वर, नागपुर.
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